1 Part
259 times read
10 Liked
मंदाक्रान्ता छंद "लक्ष्मी स्तुति" लक्ष्मी माता, जगत जननी, शुभ्र रूपा शुभांगी। विष्णो भार्या, कमल नयनी, आप हो कोमलांगी।। देवी दिव्या, जलधि प्रगटी, द्रव्य ऐश्वर्य दाता। देवों को भी, कनक धन की, ...