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मुक्तक तर्ज : कोई दीवाना कहता है बेदर्दी बड़ा बेईमान मौसम बारिश का आया विरह की ज्वाला को जिसने और है धधकाया तेरी यादों के आंसू में डुबो जाता है जान ...