लेखनी प्रतियोगिता - विश्वास

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विश्वास #प्रतियोगिता कैसे गिरते हुए देखूं उसे, जिसे मिलकर बनाया था। बहुत तो नहीं पर कुछ रातें, तो हमनें भी गवाया था। टूट कर बिखर रहा आज वो, जिसे तिनका तिनका ...

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