कविता-कंचनकाया -05-Jul-2022

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कविता-कंचनकाया सुंदर कहूं कि मायावी काया  यह बात समझ मैं ना पाया , सुंदरता तो मन में होती है  माया होती कंचन काया | क्या समझ ना पायी थी सीता  कंचन ...

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