कविताःमंजिल

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कविता--मंजिल नहीं दूर मंजिल अगर किस्मत साथ हो हाथों में हुनर और बाजुओं में दम हो बागों में खिलते हैं सैकड़ों गुलाब काँटों के बीच खिलकर भी महकाते हैं शवाब अंधेरा ...

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