स्वैच्छिक

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🤷‍♂️🤷‍♂️🤷‍♂️🤷‍♂️ ग़ज़ल 🤷‍♂️🤷‍♂️🤷‍♂️🤷‍♂️ कुछ ऐसे आ के उसने मंगतों का ह़ाल पूछा। साक़ी ने जैसे हँस के रिन्दों का ह़ाल पूछा। पा कर विधायकी तुम उड़ते हो आसमाँ पर। क्या तुमने ...

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