लेखनी कहानी -07-Jul-2022

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आज कल,  हाँ  आजकल  तुम्हारी  बहुत  याद  आती  हैं,  जैसे  बारिश  सिमटी  हैं  आकाश  के ह्रदय  में , चिट्ठियां  अभी  रास्तो  से  बातचीत  कर  रहीं  है, और  वो कवि  खामोश  हो  ...

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