लेखनी - अब के सावन

1 Part

442 times read

16 Liked

     अब के सावन कुछ ऐसे बरसे, अबके सावन, मिट जाए दिलों के बीच की ये दूरी, स्वच्छ, निर्मल बारिश की बूंदे, कर दे एक दूजे की कमी पूरी.. तन ...

×