लेखनी - अब के सावन

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     अब के सावन कुछ ऐसे बरसे, अबके सावन, मिट जाए दिलों के बीच की ये दूरी, स्वच्छ, निर्मल बारिश की बूंदे, कर दे एक दूजे की कमी पूरी.. तन ...

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