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ढुंढे तुझको मेरी नजरें भिड़ भरी संसार में आती नजरे नहीं तुम चिपकी हो जो दिवार से।। छोटी सी दुनियां बसी मेरी थी इस प्यार से लुट गई खड़ी दुपहरी देखते ...