ढुंढे तुझको मेरी नजरें भिड़ भरी संसार में आती नजरे नहीं तुम चिपकी हो जो दिवार से

1 Part

86 times read

2 Liked

ढुंढे तुझको मेरी नजरें भिड़ भरी संसार में आती नजरे नहीं तुम चिपकी हो जो दिवार से।। छोटी सी दुनियां बसी मेरी थी इस प्यार से लुट गई खड़ी दुपहरी देखते ...

×