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ख्वाब नहीं हकीकत हो तुम, पर हर पहर क्यूँ दिख रहें हो, कभी रास्तो पर कभी किसी मोड़ पर, किसी पेज के अंतिम अक्षर पर, बारिश कि बूँदों पर, पर हकीकत ...