कोई प्रेमी बनकर लिखता है!

1 Part

253 times read

9 Liked

कोई प्रेमी बनकर लिखता है, अपने प्रेमिका की खूबसूरती को,   निहारता है, निखारता है    उसे तौलता है चांद से चांदनी से     फूलों से औ' कलियों से,     शाम ...

×