कविता ःःदूर दूर तक#हरीतिमा

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कविता ःःदूर दूर तक#हरीतिमा हरीतिमा ने अपनी आँचल लहराई  देखो प्रकृति सावन बनकर छाई  खुशियों ने बारिश का रुप धरा    धूप के तपन को मिटाई है      अन्नदाताओं के ...

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