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रचयिता-प्रियंका भूतड़ा शीर्षक- जगाई एक बच्चे की मन की आवाज देखा हमने एक बच्चा, फुटपाथ था उसका बसेरा। फटे चिथड़े थे उसके कपड़े, दो वक्त का नहीं था खाना। देख उसके ...