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लेखिका-प्रियंका भूतड़ा शीर्षक - ऐसे होते हैं गुरु विधा-गीत सुबह सांझ करो ,गुरु का ध्यान। जीवन का बनता हर काम।। ऐसे होते हैं ..…गुरु मात पिता के करो प्रथम चरण स्पर्श। ...