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ख्वाहिश है कि हर कोई अपना हो,झूठ मूट का नही सच्चा सपना हो जैसे मेरे सामने रहते हैं लोग,वैसे ही पीठ पीछे रहे ऐसे नहीं हो कि सामने कुछ और पीछे ...