ज़िन्दगी

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टुकडों में बट गयी है जिंदगी!  सबसे ही कट गयी है जिंदगी!  मुझको सिसकता छोड़ कर!  खुद पीछे हट गयी है जिंदगी!            हर्ष जैन सहर्ष ...

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