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चिक चिक चिक चिक हो रही रोज-रोज देखो क्या बनाऊं सोच सोच थक गई देखो। सुबह शाम की चिंता भारी समझ ना आए कोई तरकारी। बड़ों को घिया तोरी भाए। बच्चे ...