चाहूं इस कदर

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जो रातों को सुबह कर दे वह हंसी शाम बन जाए मैं पुकारूं नाम खुद का और तेरा नाम बन जाए बस चाहता हूं इस कदर,  चाहूं बस तुझे हर मुकाम ...

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