दम तोड़ती इंसानियत

1 Part

348 times read

20 Liked

Tital - दम तोड़ती इन्सानियत  Poem ::  दम तोड़ रही थी जिंदगी, किनारे पर लोग खड़े थे। न पूछा किसी ने क्या हुआ उस बेजान को,  बस हाथों में लिए फोन ...

×