1 Part
272 times read
8 Liked
दोहा जितना संभव हो सके, अर्जित कीजे ज्ञान। इसका बटवारा नहीं, कहते रहे सुजान।। ज्ञान न चोरी हो सके, और न होता अंत। ज्ञानी को सम्मान दें, गुणिजन, साधू संत।। ज्ञानवान ...