लेखनी प्रतियोगिता -18-Jul-2022 - कलम

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मुक्तक  मात्रा भार 30  कलम जब चलती हैं परिणाम की परवाह करती नहीं ,  खरी-खोटी सब कहती हैं किसी से यह डरती नहीं,  संपोलें आए राहों में या मिल जाए इसे ...

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