2 Part
323 times read
16 Liked
ऐ कलम तू आज सब सच बोल दे व्यर्थ के बंधन सभी अब खोल दे। तेरी मुट्ठी में सभी के राज हैं सारे परिवर्तन तेरे मोहताज हैं तू दिशा दे वीर ...