मजार-ए-मोहब्बत

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दफ़न है तेरी बेवफ़ाई मेरे ज़ख्मों की कब्र में, झूठी मुस्कान की रेत डाली है छुपाने के लिए। जहां समझता है मोहब्बत की मजार है ये, आते हैं लोग फूल लेकर ...

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