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हमारी गजल आधारित दुश्मन मुल्क के खिलाफ.... जो इस प्रकार है - बिगाड़ कुछ पाएंगे नहीं वो तुम्हारा फिर भी जान आफत पर लगाएंगे वो तुम्हारा चक्कर लगा रहे हो जाने ...