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तुझमें बस जाऊँ रूह के अंदर हो जाऊं तू नदी सी समा जा मैं समंदर हो जाऊं आ सौंप दे मुझको तू खुद को इस कदर जंग-ए-इश्क में जीतकर सिकन्दर हो ...