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शीर्षक = आख़री ख्वाहिश सुबह का समय था । आलिशान घर के अंदर नाश्ते की मेज सजी हुयी थी। उसी मेज के चारो और कुछ कुर्सियां पड़ी थी जिनमे से दो ...