लेखनी कहानी -20-Jul-2022

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अब कौन रोज़ रोज़ ख़ुदा ढूंढे, जिसको न मिले वही ढूंढे .. रात आयी है, सुबह भी होगी, आधी रात में कौन सुबह ढूंढे.. जिंदगी है जी खोल कर जियो, रोज़ ...

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