नादानियां मेरी!

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चारों तरफ आरोप है, मेरे नाम सारे दोष है गुनाह कर गया, उफ्फ कहानियां मेरी सुन नहीं रहा है कोई, जख्म मुझको भी मिले हैं मौत बन गयी है अब, नादानियां ...

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