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रचयिता-प्रियंका भूतड़ा शीर्षक-बरखा रानी को आव्हान बरसो रे बरखा रानी , बरखा रानी बरखा रानी, दिखा रही हो तुम मनमानी, कर रही हो आनाकानी। क्यों हमें इतना सता रही, सूरज दादा ...