1 Part
280 times read
14 Liked
मुक्तक मुक्तक : वो दौर निकल गया तो ये दौर भी निकल जायेगा बहारों का मौसम फिर से, पलटकर जरूर आयेगा आशाओं के दीयों को कभी बुझने ना देना ऐ दोस्त ...