1 Part
290 times read
17 Liked
किसी के लिए आम हो गया है नाराज़ रहना आज कल हमे यूंही नहीं आ गया शेर लिखना आज कल उसे तो ख़ामोशी बिलकुल पसंद न थी तो फिर क्यूं उसने ...