लेखनी प्रतियोगिता -22-Jul-2022 नाराज़

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किसी के लिए आम हो गया है नाराज़ रहना आज कल हमे यूंही नहीं आ गया शेर लिखना आज कल उसे तो ख़ामोशी बिलकुल पसंद न थी तो फिर क्यूं उसने ...

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