1 Part
106 times read
11 Liked
मैं लिख रहा हूं एक अधूरा रिश्ता क़िताब में जिसे मुकम्मल करना मुमकिन है बस अब ख़्वाब में मैं ख़ामोश हो गया हूं उस दिन से जब से मुझे ख़ामोशी ही ...