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तरीका यह गुनाह का, बड़ा अनमोल रखा है, यह निगाहें ही क़ातिल हैं, जिन्हें खोल रखा है। न जाने कब चुपके से यह तीर चला जाती है, अच्छे खासे इंसान को ...