लेखनी प्रतियोगिता - अनजान सफर

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अनजान सफर है राह अनजान, सफर भी ये अनजाना है, कुछ खट्टा, कुछ मीठा, इस जिंदगी का ताना बाना है, चले थे अकेले, तुम मिले तो लगा था, एक से भले ...

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