लेखनी - आस

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आस जिंदगी कुछ यूं उदास सी है, चेहरा मुरझाया और आंखों में नमी सी है, लाख कोशिशों के बाद भी हार गए हम, अब समझौते की आस भी निराश सी है।। ...

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