लेखनी कविता -26-Jul-2022

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*मुसाफिर* मुसाफिर हूँ मैं तो यारो आज यहाँ कल कहाँ हो?? जीवन में अनेक ठहराव हैं यारो किसी को माँ की गोद तो किसी का अनाथ जीवन हो । जीवन तो ...

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