लेखनी प्रतियोगिता -27-Jul-2022 डाली से टूटी हुई पत्ती

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मनीषा अपने भाग्य का दोष मान रही थी जो सब कुछ होने के बाद भी उसे हमेशा भटकना पड़ रहा था। वह यह अपनी खराब तकदीर को ही दोष देरही थी। ...

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