स्वैच्छिक

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🌹🌹🌹🌹नग़मा🌹🌹🌹🌹 फूल से लब पर चमकता हाय यह तिल का निशाँ। आपसा दूजा नहीं है कोई ऐ जान ए जहाँ। रुख़ पे है परछाईं प्यारी काकुल ए ख़मदार की। बुलबुलें क़ायल ...

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