लेखनी कहानी -27-Jul-2022 कविता : एक हसीना थी

1 Part

231 times read

21 Liked

बड़ी मस्त मस्त एक हसीना थी  बड़ी खूबसूरत जैसे नगीना थी  छू लो तो छुइमुई सी मुरझा जाये  जरा सी धूप से वह कुम्हला जाये  बात बात पर हाय, ऐसे शरमाए  ...

×