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बहारों के मौसम ने शोर मचाया है, नम आंखे करने पतझड़ आया है। पंछी उड़ गए शज़र छोड़ कर, साथ किसने हमेशा निभाया है। बहारें थी तो, मेला लगता था यहां, ...