कविता

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तुम्हें  लिखने का मन नहीं करता हकीकत हैं ये मिलावट नहीं,  मोह कलम का हैं मुझे, तुम्हारी यादे मुझे शायर बनाती है   मुझे कवि या शायर नहीं बनना,  बस कुछ पल ...

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