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प्यास कृपाण घनाक्षरी ************* कहीं बाढ़ त्रस्त करे, कहीं सूखे कंठ मरे। कोई खाली झोली भरे, प्रभु लीला है अपार।। एक बूंँद पानी मिले, होंठ प्यास से हैं सिले। बादल ये ...