मित्र #लेखनी दैनिक कविता प्रतियोगिता -01-Aug-2022

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ओ मेरे मित्र.. है तेरा मित्र बड़ा विचित्र मेरे दिल को देख लो चाहे चीर.. मिलेगा वहाँ भी तुम्हारा ही चित्र  ओ मेरे मित्र.. रूठे मनाऐ फिर से इक दूजे को ...

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