कुछ रिश्ते ऐसे भी 🙂

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वो बातें  सजाती रही मैं मतलब ढूंढता रहा वो नज़रे झुकती रही मैं नशाद होता रहा वो खुल के बोलती रही मैं शब्द ढूंढता रहा आदत बदलती रही मैं अदब दिखाता ...

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