कुछ रिश्ते ऐसे भी 🙂

1 Part

425 times read

6 Liked

वो बातें  सजाती रही मैं मतलब ढूंढता रहा वो नज़रे झुकती रही मैं नशाद होता रहा वो खुल के बोलती रही मैं शब्द ढूंढता रहा आदत बदलती रही मैं अदब दिखाता ...

×