0 Part
488 times read
8 Liked
महबूब का दीदार कर ख़ुदा को भूल जाना इश्क़ है, उसकी बेवफ़ाई पर भी उसे रुसवा ना कर पाना इश्क़ है। उसका इनकार या इक़रार दोनों को समझ जाना इश्क़ है, ...