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काबुल पर लश्कर कशी हमारा नॉवेल उस ज़माने से शुरू होता है जबकि सय्य्दना हज़रात उस्मान गनी रज़ी अल्लाह सरीर आरए खिलाफत थे। दुनियाए इस्लाम में अमन व सुकून था। मुमालिक ...