बात बात में तुम्हारा किसी कविता सा हो जाना

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बात बात में तुम्हारा किसी कविता सा हो जाना कभी कभी पायलों की झनकार सा तुम्हारा खिलखिलाना किसी शायरी और गजल सा तुम्हारे लबों से निकलते बोलो का हो जाना कभी ...

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