लेखनी प्रतियोगिता -06-Aug-2022 - मुक्तक

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मुक्तक (मात्रा भार 16) शीश ऊपर हैं दिखता गगन,  उर में बसी मीठी सी लगन।  धुन बंसी की हैं मस्त बड़ी,  झूम रही शिखा होकर मगन।।  #दैनिक प्रतियोगिता हेतु ...

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