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कविता ःः सावन 🌧️🌧️🌧️🌧️🌧️ हायकूःसावन बादल भरे उमड़ घुमड़ के नैन बरसे •••• हरीतिमा से महका जग सारा न्यारा लागे रे •••• हवा खिली है प्रकृति झिलमिलाई खुशियाँ सजीं •••• आओ ...